भारत के Engineering का कमाल: अंजी खड्ड ब्रिज पर पहला ट्रायल सफल।
भारत के पहले केबल-आधारित रेल ब्रिज, अंजी ब्रिज, ने अपना पहला ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह ब्रिज जम्मू-कश्मीर की अंजी नदी पर बना है और इसे इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना कहा जा रहा है। इस पुल के निर्माण से जम्मू-कश्मीर को पूरे भारत से जोड़ने वाले रेल नेटवर्क को और भी मजबूती मिलेगी। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक परियोजना और इसके महत्व के बारे में विस्तार से।
अंजी ब्रिज, भारत का पहला केबल-आधारित रेल ब्रिज, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है। यह पुल अंजी नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और 473.25 मीटर की लंबाई में फैला हुआ है। ब्रिज को सिंगल पाइलॉन पर टिकाया गया है, जो इसे इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण बनाता है। पुल पर कुल 48 केबल लगाए गए हैं, जो इसकी स्थिरता और मजबूती सुनिश्चित करते हैं।
अंजी ब्रिज, देश का दूसरा सबसे ऊंचा रेल पुल है। इससे पहले चेनाब नदी पर बना पुल इस सूची में शीर्ष स्थान पर है। चेनाब और अंजी दोनों ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं। अंजी ब्रिज का निर्माण नवंबर 2024 में पूरा हुआ, और यह अब जनवरी 2025 में पूरी तरह संचालित होने के लिए तैयार है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ऐतिहासिक पल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया। उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि अंजी ब्रिज पर पहला ट्रायल रन सफल रहा। यह उपलब्धि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक परियोजना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर में 272 किलोमीटर लंबा रेल नेटवर्क है, जो क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट का 255 किलोमीटर हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि 17 किलोमीटर का काम अंतिम चरण में है। USBRL प्रोजेक्ट के तहत अंजी और चेनाब ब्रिज जैसे इंजीनियरिंग चमत्कार शामिल हैं, जो रेलवे नेटवर्क की मजबूती और विश्वसनीयता को बढ़ाते हैं।
रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2025 में कश्मीर से नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन कश्मीर के लोगों के लिए एक नया युग शुरू करेगी, जिससे यात्रा और व्यापार में सुधार होगा।
अंजी ब्रिज न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के आर्थिक और सामाजिक विकास का प्रतीक भी है। यह पुल न केवल कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार के नए अवसर भी खोलेगा। जनवरी 2025 में इसके पूरी तरह से संचालित होने के बाद, यह ब्रिज भारत के रेलवे नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
अंजी ब्रिज का निर्माण भारत की तकनीकी क्षमताओं और बुनियादी ढांचे के विकास का जीता-जागता उदाहरण है। यह ब्रिज न केवल जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। अंजी ब्रिज और USBRL प्रोजेक्ट जैसे प्रयास भारत को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।
हम सभी को एक अच्छी नींद की आवश्यकता होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं…
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एक नया सर्कुलर जारी कर निवेशकों की सुरक्षा और पारदर्शिता…
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं।…
WhatsApp हमेशा अपने फीचर्स में कुछ नया जोड़ने के लिए जाना जाता है। हाल ही…
भारतीय क्रिकेट टीम इस समय सीमित ओवरों के प्रारूप में खुद को बेहतर बनाने की…
राम चरण की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘गेम चेंजर’ ने 10 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक दी,…