विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक, टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस, यमन के सना एयरपोर्ट पर हुए एक घातक बम हमले में बाल-बाल बच गए। यह हमला उस समय हुआ जब वह संयुक्त राष्ट्र और WHO के अपने सहयोगियों के साथ विमान में सवार होने के लिए तैयार थे। इस भयावह घटना का खुलासा स्वयं टेड्रोस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए किया। आइए जानें इस घटना के बारे में विस्तार से, और कैसे उन्होंने इसे साझा किया।
सना एयरपोर्ट पर हुई बमबारी: एक खौ़फनाक मंजर
जब WHO महानिदेशक टेड्रोस और उनके सहयोगी सना एयरपोर्ट पर अपने विमान में चढ़ने के लिए तैयार थे, तब अचानक बमबारी शुरू हो गई। टेड्रोस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बमबारी इतनी नज़दीक हुई कि उनके विमान के चालक दल का एक सदस्य इस हमले में घायल हो गया। इसके अलावा, एयरपोर्ट के ट्रैफिक कंट्रोल टावर और डिपार्चर लाउंज के पास, जहां टेड्रोस और उनके सहयोगी खड़े थे, कुछ ही मीटर की दूरी पर बमबारी हुई। इस हमले ने रनवे को भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया।
Our mission to negotiate the release of @UN staff detainees and to assess the health and humanitarian situation in #Yemen concluded today. We continue to call for the detainees' immediate release.
As we were about to board our flight from Sana’a, about two hours ago, the airport… pic.twitter.com/riZayWHkvf
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) December 26, 2024
टेड्रोस ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि हवाई अड्डे पर हुए नुकसान की मरम्मत होने तक उन्हें वहां रुकना पड़ा। हालांकि, उनके साथ मौजूद सभी संयुक्त राष्ट्र के सहयोगी और WHO के साथी सुरक्षित रहे। टेड्रोस ने उन परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना भी व्यक्त की जिनके प्रियजन इस हमले में अपनी जान गंवा चुके थे।
हमले का कारण: इज़राइल और हूती संघर्ष
इस बमबारी के पीछे की वजह को समझने के लिए हमें यमन के मौजूदा राजनीतिक हालात को जानना होगा। इज़राइल द्वारा हूती ठिकानों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं, और इस क्रम में सना पर भी बमबारी हुई। उस समय टेड्रोस यमन में मौजूद थे, क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की रिहाई के लिए पहुंचे थे जिन्हें हूती लड़ाकों ने पिछले कुछ महीनों से बंधक बना रखा था।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमले की कड़ी निंदा की और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं को किसी भी परिस्थिति में निशाना नहीं बनाना चाहिए। गुटेरेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि सना हवाई अड्डे, लाल सागर के बंदरगाह और यमन के बिजली स्टेशनों पर किए गए हमले अत्यधिक खतरनाक थे।
I regret the recent escalation between Yemen and Israel, and remain deeply concerned about the risk of further escalation in the region.
Airstrikes today on Sana’a International Airport, the Red Sea ports and power stations in Yemen are especially alarming. The airstrikes…
— António Guterres (@antonioguterres) December 27, 2024
गुटेरेस ने यह भी कहा कि इन हवाई हमलों के परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए हैं, जिनमें कम से कम तीन लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। उन्होंने सभी पक्षों से संयम रखने और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल बंद करने का आह्वान किया। यह समय था जब दुनिया को एकजुट होकर शांति की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता थी।
यमन संघर्ष: वैश्विक चिंता का विषय
यमन में चल रहे संघर्ष ने दुनिया भर के देशों को चिंता में डाल दिया है। पिछले कुछ वर्षों में यमन एक बड़े मानवतावादी संकट से गुजर रहा है। इस संकट में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें हजारों निर्दोष नागरिकों की मौत हो चुकी है। हूती विद्रोहियों और समर्थक देशों के बीच जारी संघर्ष ने यमन को तबाही के कगार पर खड़ा कर दिया है। यह संघर्ष न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन गया है।
इस समय में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग और समर्पण बेहद महत्वपूर्ण है ताकि यमन में शांति और स्थिरता लाने की कोशिशें सफल हो सकें। संयुक्त राष्ट्र, WHO, और अन्य मानवीय संगठन यमन में सहायता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, हिंसा और संघर्ष के माहौल में इन प्रयासों को लागू करना एक कठिन चुनौती है।
टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का संघर्ष और समर्पण
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए हमेशा अपनी प्रतिबद्धता और नेतृत्व दिखाया है। यमन जैसे युद्धग्रस्त देशों में जहां लाखों लोग जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहे हैं, ऐसे में WHO की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। टेड्रोस के नेतृत्व में, WHO ने कई मानवतावादी मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
उनका यह प्रयास कि वे यमन में संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की रिहाई के लिए आए थे, यह उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। उनका यह कदम यह सिद्ध करता है कि वे केवल एक स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख नहीं हैं, बल्कि दुनिया भर में शांति और सुरक्षा के लिए भी अपनी भूमिका निभाने में विश्वास रखते हैं।
यमन संकट और वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता
सना एयरपोर्ट पर हुई यह बमबारी केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह उस बड़े संकट का हिस्सा है जो यमन में जारी है। इस संकट ने न केवल वहां के नागरिकों को प्रभावित किया है, बल्कि पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर किया है कि हम शांति और सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा सकते हैं। यमन के संघर्ष को समाप्त करने के लिए वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
WHO और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का काम यमन जैसे देशों में मानवीय सहायता पहुंचाना और संघर्ष में फंसे लोगों की मदद करना बेहद महत्वपूर्ण है। यमन में शांति लाने के प्रयासों को साकार करने के लिए हमें सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि न केवल युद्ध समाप्त हो, बल्कि वहां के लोग भी एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित जीवन जी सकें।