National Highway Record: जानें कैसे भारत बना हाईवे निर्माण का चैंपियन
भारत में नेशनल हाईवे का विस्तार और विकास पिछले कुछ वर्षों में तेजी से हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग न केवल देश की आर्थिक प्रगति का महत्वपूर्ण आधार हैं, बल्कि ये क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी को भी मजबूत करते हैं। पिछले एक दशक में, भारत ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे देश के यातायात और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को अभूतपूर्व लाभ हुआ है।
पिछले 10 वर्षों में, भारत में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 146,000 किलोमीटर हो गई है। यह वृद्धि सिर्फ संख्याओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने व्यापार, यात्रा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में नए आयाम जोड़े हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस विस्तार को संभव बनाया है।
साल 2013-14 से 2023-24 तक, 56,700 किलोमीटर नए राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ है। यह रिकॉर्ड सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह सरकार के मजबूत दृष्टिकोण और रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित योजनाओं का परिणाम है।
सरकार अब केवल विस्तार पर नहीं, बल्कि नेशनल हाईवे की गुणवत्ता में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। नए राजमार्ग सचिव वी उमाशंकर के नेतृत्व में, कई महत्वपूर्ण बैठकों में सड़क निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की योजनाएं बनाई गई हैं।
हालांकि, कुछ हाईवे जैसे दिल्ली-जयपुर (NH-48) और अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर ने अपनी खराब गुणवत्ता के कारण आलोचना का सामना किया है। सोशल मीडिया पर इनकी स्थिति को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। इसे देखते हुए मंत्रालय ने गुणवत्ता में सुधार के लिए एक नई रणनीति पर काम शुरू किया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाल ही में एक नया रेटिंग सिस्टम लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य सड़क निर्माण और रखरखाव में जिम्मेदार कंपनियों के प्रदर्शन का आकलन करना है। यह सिस्टम हर छह महीने में अपडेट किया जाएगा और इसकी रेटिंग NHAI की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर साझा की जाएगी।
यह कदम न केवल कंपनियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि आम जनता को भी यह जानकारी देगा कि कौन सी सड़कें बेहतर रखरखाव के तहत हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस पहल का समर्थन किया है और उम्मीद जताई है कि इससे देश के नेशनल हाईवे की गुणवत्ता में सुधार होगा।
साल 2025 तक, सरकार ने कई बड़े एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इनमें प्रमुख रूप से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा और शहरों के बीच यात्रा समय में भी कमी आएगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग केवल सड़कों का नेटवर्क नहीं हैं; यह देश की आर्थिक धड़कन हैं। ये न केवल व्यापार और लॉजिस्टिक्स को सुगम बनाते हैं, बल्कि पर्यटन और क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के माध्यम से, ये देश के दूरदराज के क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम करते हैं।
भारत में नेशनल हाईवे का विकास और विस्तार देश के भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है। सरकार का ध्यान अब केवल लंबाई बढ़ाने पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता सुधार और नई तकनीकों को अपनाने पर है। NHAI द्वारा शुरू किए गए नए रेटिंग सिस्टम और 2025 के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स से देश के परिवहन ढांचे में और सुधार होगा।
नेशनल हाईवे का यह विकास केवल भौतिक संरचना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी और सामाजिक समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में, यह नेटवर्क न केवल देश के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को एक मजबूत परिवहन हब बनाने में योगदान देगा।
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