New Social Media Rules for Children: हर पेरेंट्स को पता होनी चाहिए ये जरूरी बातें।
डिजिटल युग में बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने New Social Media Rules for Children के तहत नए नियम पेश किए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य बच्चों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना, माता-पिता की सहमति को अनिवार्य बनाना, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जिम्मेदारी तय करना है। आइए इन नए नियमों को विस्तार से समझते हैं।
नए नियमों में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के डेटा की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। पुराने नियमों में इस पहलू को लेकर स्पष्टता की कमी थी। अब, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बच्चों के अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति अनिवार्य कर दी गई है।
बच्चों का डेटा इकट्ठा करने के लिए डिजिटल टोकन का उपयोग किया जाएगा, ताकि सहमति को प्रमाणित किया जा सके। यह कदम बच्चों को अनचाहे डेटा कलेक्शन और संभावित ऑनलाइन खतरों से बचाने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, अब फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म बिना माता-पिता की मंजूरी के इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे।
पुराने नियमों में डेटा उल्लंघन के मामलों में सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी स्पष्ट नहीं थी। लेकिन नए नियमों के तहत, यदि किसी व्यक्ति के डेटा का उल्लंघन होता है, तो संबंधित कंपनी को इसकी जानकारी तुरंत प्रभावित व्यक्ति को देनी होगी।
इससे न केवल डेटा सुरक्षा में पारदर्शिता आएगी, बल्कि कंपनियों को भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा। सोशल मीडिया और वित्तीय संस्थानों को अपनी प्रक्रियाओं को अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाने की जरूरत होगी।
नए नियमों में डेटा कलेक्शन के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। सहमति सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल टोकन का उपयोग अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही, कंसेंट मैनेजर्स को डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड के साथ पंजीकरण कराना होगा।
कंसेंट मैनेजर्स की न्यूनतम नेटवर्थ 12 करोड़ रुपये होनी चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेटा प्रबंधन का काम जिम्मेदार और सक्षम संस्थाओं द्वारा किया जाए। यह कदम बच्चों और उनके परिवारों के लिए डेटा सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करेगा।
सरकार ने प्राइवेसी और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए नए नियमों में कई बदलाव किए हैं। अब, सार्वजनिक फीडबैक के बावजूद, मसौदे के फीडबैक का खुलासा नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा, डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड और उसके चेयरपर्सन के सेवा नियमों को स्पष्ट किया जाएगा। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी और उपयोगकर्ताओं के विश्वास को मजबूत किया जाएगा।
नए नियमों में शैक्षणिक संस्थानों और बाल कल्याण संगठनों को विशेष छूट दी गई है। पुराने नियमों में इस तरह की कैटेगरी के लिए कोई अलग प्रावधान नहीं था।
इस छूट का उद्देश्य इन संगठनों को बिना किसी अतिरिक्त बाधा के काम करने में मदद करना है। यह बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
New Social Media Rules for Children का उद्देश्य बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ाना और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जिम्मेदारी तय करना है। इसके साथ ही, माता-पिता को भी यह सुनिश्चित करने का अधिकार दिया गया है कि उनके बच्चों का डेटा सुरक्षित है।
इन नियमों से न केवल डेटा सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि बच्चों को साइबरबुलिंग, डेटा चोरी और अन्य ऑनलाइन खतरों से भी बचाया जा सकेगा।
बच्चों के लिए सोशल मीडिया के नए नियम न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह डिजिटल युग में माता-पिता और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करने का भी प्रयास है। इन नियमों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी।
आशा है कि सरकार के ये प्रयास डिजिटल दुनिया को बच्चों के लिए और अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएंगे। New Social Media Rules for Children न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में डिजिटल सुरक्षा के लिए एक आदर्श साबित हो सकते हैं।
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