Australia में Nitish Reddy का जलवा – ऐसा करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर।

भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे नीतीश रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर एक ऐसा प्रदर्शन किया जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। 21 वर्षीय इस युवा बल्लेबाज ने न केवल मुश्किल परिस्थितियों में अपनी टीम को संभाला, बल्कि अपने टेस्ट करियर का पहला शतक भी जड़ा। उनका यह प्रदर्शन उन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक खास स्थान दिलाता है। आइए जानते हैं, नीतीश के इस शानदार प्रदर्शन की पूरी कहानी।

Nitish Reddy: बॉक्सिंग-डे टेस्ट का नायक

मेलबर्न में खेले जा रहे बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैच में भारतीय टीम बेहद मुश्किल स्थिति में थी। पहली पारी में टीम का स्कोर 221 पर 7 विकेट था और फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे में मैदान पर उतरे नीतीश रेड्डी ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर ऐसी साझेदारी की, जिसने खेल का रुख ही पलट दिया। दोनों ने मिलकर आठवें विकेट के लिए 127 रन की साझेदारी की, जिससे टीम इंडिया फॉलोऑन से बचने में सफल रही।

नीतीश का पहला शतक और ऐतिहासिक उपलब्धि

नीतीश रेड्डी ने पहले अपने अर्धशतक को पूरा किया और इसके बाद 176 गेंदों में शानदार शतक ठोककर इतिहास रच दिया। उन्होंने अपनी पारी में 10 चौके और 1 छक्का लगाया। खास बात यह रही कि नीतीश ने भारत की ओर से नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई धरती पर शतक लगाने का कारनामा किया, जो अब तक कोई और भारतीय बल्लेबाज नहीं कर सका था। दिन का खेल खत्म होने तक नीतीश 105 रन बनाकर नाबाद रहे और स्टेडियम में मौजूद हर भारतीय फैन उनकी इस उपलब्धि का जश्न मना रहा था।

सेंचुरी का अनोखा जश्न

शतक पूरा करने के बाद नीतीश ने अपने अंदाज से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने घुटने के बल बैठकर अपना बल्ला जमीन पर रखा और हेलमेट को उस पर टांग दिया। यह जश्न न केवल उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि उनकी भावनाओं की गहराई को भी प्रकट करता है। मेलबर्न का मैदान नीतीश के इस खास पल का गवाह बना और वहां मौजूद भारतीय प्रशंसकों ने उनके इस शानदार प्रदर्शन को ताली बजाकर सेलिब्रेट किया।

भारत के तीसरे सबसे युवा शतकवीर

नीतीश रेड्डी ने यह शतक 21 साल और 216 दिन की उम्र में पूरा किया, जिससे वह ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने वाले भारत के तीसरे सबसे युवा बल्लेबाज बन गए। इस सूची में सबसे ऊपर नाम है महान सचिन तेंदुलकर का, जिन्होंने 18 साल और 256 दिन की उम्र में 1992 में शतक जड़ा था। नीतीश ने अपने इस प्रदर्शन से साबित कर दिया कि वे भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं और आने वाले समय में उनकी बल्लेबाजी टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

मुश्किल हालातों में बनी साझेदारी

भारतीय टीम जब गहरे संकट में थी, तब वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी की जोड़ी ने मैदान पर धैर्य और तकनीक का बेहतरीन नमूना पेश किया। 127 रनों की इस साझेदारी ने टीम इंडिया को न केवल फॉलोऑन से बचाया, बल्कि स्कोर को 350 के पार पहुंचाने में भी मदद की। सुंदर ने अपने साथी का भरपूर साथ निभाया, लेकिन नीतीश का खेल उस दिन हर किसी के लिए प्रेरणा बना।

नीतीश की बल्लेबाजी की खासियत

नीतीश रेड्डी की इस पारी में उनकी तकनीक और मानसिक मजबूती साफ झलकी। वे हर गेंदबाज का सामना धैर्यपूर्वक कर रहे थे और जरूरत पड़ने पर आक्रामक शॉट भी खेल रहे थे। उनकी बल्लेबाजी में न केवल परिपक्वता दिखी, बल्कि यह भी जाहिर हुआ कि वे दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।

नीतीश का भविष्य और टीम इंडिया के लिए उनका महत्व

नीतीश रेड्डी ने इस शतक से यह साबित कर दिया है कि वे बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं। उनकी इस पारी ने भारतीय क्रिकेट को एक नया सितारा दिया है, जो आने वाले समय में कई और यादगार पारियां खेल सकता है। मेलबर्न में खेली गई इस पारी ने न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ाया है, बल्कि उन्हें टीम इंडिया के महत्वपूर्ण बल्लेबाजों में शुमार कर दिया है।

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