17 राज्यों में सफर को आसान बनाएंगे ये 5 नए Expressways – जानिए कैसे।
भारत में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की शुरुआत की है। इन परियोजनाओं में से एक प्रमुख है भारतमाला परियोजना, जिसका उद्देश्य देशभर में सड़कों और एक्सप्रेसवे के नेटवर्क का विस्तार करना है। इस योजना के तहत देशभर में कई बड़े एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं जो विभिन्न राज्यों को जोड़ने का कार्य करेंगे। आज हम आपको भारत के उन पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे के बारे में बताएंगे, जो 17 राज्यों को एक-दूसरे से जोड़ेंगे और सफर को और भी आसान बना देंगे।
दिल्ली से जम्मू-कश्मीर स्थित कटरा तक का सफर वर्तमान में 13 घंटे का है। लेकिन दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण से यह यात्रा सिर्फ 6 घंटे में पूरी हो सकेगी। यह एक्सप्रेसवे 669 किलोमीटर लंबा होगा और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल दिल्ली और कटरा के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि अमृतसर भी आसानी से पहुंचा जा सकेगा। यह परियोजना भारतीय यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगी और श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा तक पहुंचने में सहूलियत होगी।
दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी वर्तमान में लगभग 22 घंटे की यात्रा तय करनी होती है। लेकिन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण से यह समय घटकर सिर्फ 12 घंटे रह जाएगा। यह 1386 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, दादर और नागर हवेली तथा महाराष्ट्र से होकर गुजरते हुए दोनों महानगरों को जोड़ने का कार्य करेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से व्यापार, पर्यटन और यात्रा के क्षेत्र में भारी बदलाव आएगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए इंदौर-हैदराबाद-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे की योजना बनाई गई है। इस एक्सप्रेसवे के दो प्रमुख हिस्से होंगे – एक इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे जो 525 किलोमीटर लंबा होगा, और दूसरा हैदराबाद-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे जो 222 किलोमीटर लंबा होगा। यह एक्सप्रेसवे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच यातायात को सरल बनाएगा। वर्तमान में इंदौर से विशाखापट्टनम की यात्रा लगभग 27 घंटे में पूरी होती है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से यह समय काफी घट जाएगा, जिससे यात्रा आसान और तेज होगी।
उत्तर भारत और पूर्वी भारत के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे 612 किलोमीटर लंबा होगा और उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने का काम करेगा। वर्तमान में वाराणसी से कोलकाता की यात्रा में लगभग 15 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह समय घटकर महज 9 घंटे रह जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से न केवल इन राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि व्यापार और आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। कोलकाता और वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण शहरों के बीच आसान यात्रा व्यापार और पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगी।
कर्नाटका की राजधानी बेंगलुरु से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई तक की यात्रा को और भी सुगम बनाने के लिए बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे 262 किलोमीटर लंबा होगा और कर्नाटका, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से बेंगलुरु से चेन्नई की यात्रा अब महज 2 घंटे में पूरी हो सकेगी। यह एक्सप्रेसवे न केवल इन दो प्रमुख शहरों के बीच समय की बचत करेगा, बल्कि व्यापार और पर्यटन के लिए भी एक बड़ा अवसर उत्पन्न करेगा।
भारतमाला परियोजना की योजना भारत के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़ने और पूरे देश में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की है। इन एक्सप्रेसवे के माध्यम से न केवल यातायात की गति तेज होगी, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इन मार्गों से देश की विभिन्न मंडियों और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होगा, जिससे आर्थिक विकास में गति मिलेगी।
भारत के इन प्रमुख एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यात्रा में समय की बचत होगी, बल्कि विभिन्न राज्यों के बीच सामरिक और आर्थिक संबंध भी मजबूत होंगे। इससे देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी।
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